एक यादगार क्षण आदरणीय रामदरश मिश्र एवं सरश्वती मिश्र साथ |
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साहित्य स्व्यं जीवन है। साहित्यकार रचना के क्रम मे उस जीवन को जीता है और पठक पढ्ने के क्रम मे। जीवन पथ का प्राय: प्रत्येक पथिक दैनिक जीवन पथ...
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नमस्कार मित्रों आईए इसके पूर्व कि मैं आपको नरेन्द्र कोहली जी से सात वर्ष पहले कि एक यादगार बातचीत का अंश दिखाऊँ आपक...
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भाषा की उत्पत्ति के सिद्धांत मानव ने श्रृष्टि में व्याप्त ध्वनियों को अपने अहर्निष प्रयास, अभ्यास तथा प्रतिभा से शब्द संकेतों में परिवर्तित ...
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रिपोर्ट ‘आवारा मसीहा की औपन्यासिकता’ का लोकार्पण 19 दिसम्बर का दिन था। सुबह से काफी ढंड पड़ रही थी। दस बजे के बाद धूप खिली तो शरीर...
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प्रस्तुत व्याख्यान प्रो. कलानाथ मिश्र द्वारा हिन्दी के स्नातक, स्नातकोत्तर एवं विभिन्न प्रकार के शोधरथियों को ध्यान मे रखकर निर्मित किया गया...
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हिंदी कश्मीरी संगम और उत्तर प्रदेश हिंदी संसथान के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक ६-७ फ़रवरी को 'कश्मीरी, डोगरी और हिंदी साहित्य के अन्त...
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हिन्दी के मूर्धन्य साहित्यकार पद्मश्री नरेंद्र कोहली जी का जाना हिन्दी जगत में एक महाशून्य दे गया। दिनांक १७ अप्रैल २०२१ के दिन उहोन ने अं...
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